ये पर्वत,पेड़
पथ और पत्थर
पीर किसे सुनाएं अपनी?
पास कौन आता इनके
प्यार करता भला कौन?
देख मुझे डबडबा कर आँखे
पूछा
पथिक तू है कौन?
पथ और पत्थर
पीर किसे सुनाएं अपनी?
पास कौन आता इनके
प्यार करता भला कौन?
देख मुझे डबडबा कर आँखे
पूछा
पथिक तू है कौन?
तभी अचानक उड़ के आई
प्रीत पवन की
कंधो पे अपने लेकर आई
गीत एक पुराना-
प्रीत पवन की
कंधो पे अपने लेकर आई
गीत एक पुराना-
मैं पल दो पल का शायर हूँ ....
(19 nov 2018)
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