गुरुवार, 25 जुलाई 2013

देखना मुझे

मौके की तलाश में हूँ , देखना मुझे 
तुम्हारे ही शहर में हूँ, देखना मुझे /

कद -पद के मद में कुछ दीखता नहीं
श्रेष्ठ तुम सबसे हूँ , देखना मुझे/

संकटों में भी और मजबूत बना हूँ
भ्रम में हो के गिर गया हूँ, देखना मुझे/

दर्द आज है तो क्या कल भी रहेगा
गर्द है ये , मर्द हूँ मैं, देखना मुझे/

हुनर के भाग्य में देर ही लिखी है
मिटा इसे रहा हूँ कर्म से, देखना मुझे/

रो के ही जीता नहीं 'अमिताभ' कभी भी
हंसकर ही बला टालता हूँ , देखना मुझे/

शनिवार, 20 जुलाई 2013

इज्जत

अलगनी पर लटका 
कमीज़, 
न न आदमी की इज्जत 
झूल रही है/ 
फरका रही है/

खुशबूदार सर्फ़ के झाग से
गंदे, मैले , कुचले कमीज को
खूब धो-पछीट के धो लिया गया है /

काले , मटमैले और बदबूदार पसीने युक्त
पानी को नाली के हिस्से बहा ,
निचोड़ कर
खुली हवा में
फिर लटका दिया गया है
सूखने , चमकने /