सुनो ,
गिरगिट सी व्यवस्था और
विषभरे सम्बन्ध से नहीं बच सकते तुम।
गिरगिट सी व्यवस्था और
विषभरे सम्बन्ध से नहीं बच सकते तुम।
यहां प्रेम चिकना, चमकीली त्वचा का है
रेंगता है,
तुम्हे ही नहीं
बल्कि अपनी केंचुली तक वो छोड़ देता है।
रेंगता है,
तुम्हे ही नहीं
बल्कि अपनी केंचुली तक वो छोड़ देता है।
दोस्त,
दुनिया एक सांप है
जिसकी पूंछ पकड़नी चाहिए।
दुनिया एक सांप है
जिसकी पूंछ पकड़नी चाहिए।
(टुकड़ा टुकड़ा डायरी / ३१-जुलाई-१८)
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