तुम भी न बारिश
हो क्या चीज ?
बताओ तो !
पानी तो नहीं हो तुम ।
होती तो कैसे जलाती हॄदय इतने
मन में क्यों आग लगाती?
हो क्या चीज ?
बताओ तो !
पानी तो नहीं हो तुम ।
होती तो कैसे जलाती हॄदय इतने
मन में क्यों आग लगाती?
भला पानी भी
लौ फूंकता है क्या!
लौ फूंकता है क्या!
(टुकड़ा-टुकड़ा डायरी, ०९-०७-१८ )
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