शुक्रवार, 17 जनवरी 2020

आनन्द

जगत में हूँ
जगत का नहीं हूँ
देह में हूँ
देह का नहीं हूँ।
सारी माया, सारे मोह
सारे राग-रंग सबकुछ
व्याप्त हैं चारों ओर
किन्तु निर्लिप्त हूँ
मैं केवल आनन्द हूँ।
【टुकड़ा टुकड़ा डायरी/24 दिसम्बर 19】

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