बुधवार, 27 मई 2015

नींद की सिलाई

सूरज की सिगड़ी पर 
रात ने लई बनाई और 
उससे चाँद को आसमान पर चिपका दिया , 
कुछ तारें टाँके 
बड़ा सा पंखा तीन की स्पीड से चला दिया....

(कभी कभी बच्चे सी सोच भी उधड़ी हुई नींद की सिलाई कर दिया करती है)

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