दुःख की कविताएं
गर दुःख में हुई होती तो
कितना सुख मिलता।
खैर..
सुख में रची गई कविताएं
भिन्न भिन्न प्रकार के
दुःख देती हैं।
तब वे कविता कम
रचना ज्यादा हो जाती है।
गर दुःख में हुई होती तो
कितना सुख मिलता।
खैर..
सुख में रची गई कविताएं
भिन्न भिन्न प्रकार के
दुःख देती हैं।
तब वे कविता कम
रचना ज्यादा हो जाती है।
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