रुको,
ये जली हुई धरती का उज्जडपन
राक्षसी नहीं
बल्कि ये काला टीका बन
बुरी नज़र से बचाता है।
और यकीन मानो
जंगल नहीं होते जंजाल
घबराओ मत, आओ,
गहरे उतरो ,छाती पर चढ़ बैठो अँधेरे की
कि बस कुछ देर बाद ही
सूरज आसमान के सिर पर होगा
और तुम्हारा घर साफ दिखाई देगा।
ये जली हुई धरती का उज्जडपन
राक्षसी नहीं
बल्कि ये काला टीका बन
बुरी नज़र से बचाता है।
और यकीन मानो
जंगल नहीं होते जंजाल
घबराओ मत, आओ,
गहरे उतरो ,छाती पर चढ़ बैठो अँधेरे की
कि बस कुछ देर बाद ही
सूरज आसमान के सिर पर होगा
और तुम्हारा घर साफ दिखाई देगा।
【टुकड़ा टुकड़ा डायरी/6 जनवरी 2019】
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