वो पहले था
क्योंकि समय परिवर्तित है
अब भी वैसा ही हो या रहे सम्भव नहीं।
इसलिये 'था' से 'है' की तुलना करना
और 'है' को 'था' बना देना उचित नहीं ।
इसे ही स्वीकारो
जो है ।
और जब जब
'है' को 'था' से जोडते हुये
किसी काम का न मानना स्मरणीय होता है
आप अपने आप को छल लेते हैं
क्योंकि तब आप 'है' के साथ अन्याय ही नहीं बल्कि उसकी हत्या कर देते हो ।
क्योंकि समय परिवर्तित है
अब भी वैसा ही हो या रहे सम्भव नहीं।
इसलिये 'था' से 'है' की तुलना करना
और 'है' को 'था' बना देना उचित नहीं ।
इसे ही स्वीकारो
जो है ।
और जब जब
'है' को 'था' से जोडते हुये
किसी काम का न मानना स्मरणीय होता है
आप अपने आप को छल लेते हैं
क्योंकि तब आप 'है' के साथ अन्याय ही नहीं बल्कि उसकी हत्या कर देते हो ।
1 टिप्पणी:
बहुत सामयिक एवं सटीक रचना !
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