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मंथन
" क्या होता है
जो सारे दूर हो जाते है ?
सुख जो अपने है
वो गुम हो जाते है
मंथन तो है ही जीवन
विष पीने वाले ही
शंकर हो जाते है "
__________
सम्बन्ध
संबंधो में संपर्क
की जरुरत क्या ?
गर जरुरत है तो
फ़िर सम्बन्ध क्या ?
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3 टिप्पणियां:
आप सुंदर लिखते हैं......वर्ड वेरिफिकेशन हटा दें तो और सुविधा होगी सभी को टिपण्णी देने में......बस मै इस विचार से सहमत नहीं कि संबंधों में संपर्क की जरोरत नही...
Nice------
बहुत ही बेहतरीन लिखा है। आपके लेखन में दार्शनिकता होती है।
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