सच तो यही है जो ईमानदार होता है उसे ये कहने की जरुरत ही नही पड्ती। सच आप बहुत ही गहराई में जाकर लिखते है। वैसे हमें बता दीजिए हम सदेंशा ले जाऐगे वैसे भी इसके लिए हम मशहूर थे किसी जमाने में। ना जाने कहाँ चला गया वो जमाने रह रह कर बस ....
जब दुनिया गहरी नींद सोती है, तब किताबें मेरा साथ निभाती हैं...
गाती है, गुनगुनाती है, किताबें जीना सिखाती हैं..
सवॉधिकार सुरक्षित है।
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मिलती है जब, कुछ मौज़ औ' कुछ मस्ती
कृपा उस ईश की, जो हम पर् है बरसती
आपके आशीर्वाद
" जिनके चरणों मे झुका ये शीश है, पिता ही मेरे गुरु, मेरे ईश हैं,है ये सौभाग्य मेरा कि मेरे,कदम-कदम उनके आशीष हैं.. " ( सालों पुरानी ये तस्वीर है, इस तरह की यह एकमात्र तस्वीर)
फ़ॉलोअर
याद रहेंगे हम भी जवां थे कभी।। चलो, इक तस्वीर जड़ कर लगा दें अभी।।
लम्बा जीवन मुंबई के कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में पत्रकारिता को दे डाला। दूरदर्शन के लिये ढेर सारी डाक्यूमेंट्री लेखन के अलावा आकाशवाणी मुम्बई के ;खेल पत्रिका; कार्यक्रम का लगातार 3 साल तक संचालन , दूरदर्शन के लिये ही दो-तीन धारावाहिक लेखन जिनमे करगिल युद्ध के बाद बनाया गया 'वीरो तुम्हे सलाम' सबसे बेहतरीन । फिलवक्त पठन और लेखन। व्यस्त रहने को सबसे बडा सुख मानता हूं। रह कर देखें..मज़ा आयेगा।
9 टिप्पणियां:
सुन्दर भावना!
आप सादर आमंत्रित हैं, आनन्द बक्षी की गीत जीवनी का दूसरा भाग पढ़ें और अपनी राय दें!
दूसरा भाग | पहला भाग
Amitabh ji aapki kuch rachnayen padhi accha likhte hain aap....BDHAI.......!
Bahut khub .....
"Gagar me sagar"
Bahut khub .....
"Gagar me sagar"
आपने अपने मन के भावों को बहुत ही ईमानदारी से बयां कर दिया है।
बहुत सुंदर सच कहा आपने ..यह चाँद पंक्तियाँ बहुत ही गहरे अर्थ दे गई ...
आदमी का इमानदार होना गर्भ धारण करने जेसा है जिसमे कोई संशय की गुंजाईश नही रहती ! आदमी या तो इमानदार होता है या नही होता है !
सच तो यही है जो ईमानदार होता है उसे ये कहने की जरुरत ही नही पड्ती। सच आप बहुत ही गहराई में जाकर लिखते है। वैसे हमें बता दीजिए हम सदेंशा ले जाऐगे वैसे भी इसके लिए हम मशहूर थे किसी जमाने में। ना जाने कहाँ चला गया वो जमाने रह रह कर बस ....
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