शनिवार, 16 मई 2020

पेड़ को मुस्कुरा देता हूँ मैं

जब कहा
प्रेम है तुमसे
तो शाख हिली ,पत्ते डोले
हवा मचल कर लिपट गई।
यूं रोज एक पेड़ को मुस्कुरा देता हूँ मैं।

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