1, तुम्हें जो प्रेम था मुझसे /
इतना कि बस्स... /
किधर है ?
अब मैं ढूँढने लगा हूँ /
2, प्रेम
विशेष दिन ज्यादा
उमड़ता है /
विशेष दिन
विशेष न रह जाएँ तब ?
शायद इसलिए
आजकल मुझसे
छूती नहीं हवा उनकी /
3,सारी बातें,
तब ज्यादा खोखली होने लगती है
जब जरुरत पर
वे काम नहीं आती /
इतना कि बस्स... /
किधर है ?
अब मैं ढूँढने लगा हूँ /
2, प्रेम
विशेष दिन ज्यादा
उमड़ता है /
विशेष दिन
विशेष न रह जाएँ तब ?
शायद इसलिए
आजकल मुझसे
छूती नहीं हवा उनकी /
3,सारी बातें,
तब ज्यादा खोखली होने लगती है
जब जरुरत पर
वे काम नहीं आती /
2 टिप्पणियां:
वाकई प्रेम किसी विशेष दिन ज्यादा ही उमड़ता है।
Aaah kyaa baat hai..
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