तुम
जब तक तुम रहोगे ,
मै
जब तक मै ,
तब तक
'ह' और 'म' के बीच
फासला बना ही रहेगा /
अजीब गणित है दोस्त
रिश्तो के अहम् (अ -हम ) का
यह व्याकरण में मत देखना
न ही भाषा में तलाशना /
जब तक तुम रहोगे ,
मै
जब तक मै ,
तब तक
'ह' और 'म' के बीच
फासला बना ही रहेगा /
अजीब गणित है दोस्त
रिश्तो के अहम् (अ -हम ) का
यह व्याकरण में मत देखना
न ही भाषा में तलाशना /
3 टिप्पणियां:
बहुत खूब ... सच है रिश्ते भाषा से नहीं बन पाते ... आपसी समझ जरूरी है ...
बहुत लाजवाब .. बहुत दिनों बाद ...
सच.....
अहम् मिलने कहाँ देता हैं दोनों को....
सुन्दर भाव..
सादर
अनु
Waah bahut sundar.. kabhi aisaa nahin sochaa thaa..
Amit ji, pranaam!!
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