गुरुवार, 13 जुलाई 2017

वो हैं तो सब है

चित्र -कैट एम 



















वो हैं 
इसलिए अहसास नहीं है कि 
जिनके पास नहीं उनका दुःख कैसा।

वो हैं 
इसलिए है सारा गुस्सा ,
जिद और इच्छाएं ।

ज़रा पूछ भर लेना 
जिनके पास नहीं है 
उनके गुस्से का प्रभाव है भी या नहीं ?
उनकी जिदो का अर्थ है भी या नहीं ?
उनकी इच्छाएं पूरी होती भी है या नहीं ?

वो हैं 
इसलिए दिए जाते हैं दुःख उन्हें 
इसलिए  रूठ जाया जाता है 
इसलिए अपनी चाह मनवाने के लिए 
पीड़ा पहुंचाई जाती है 
और वो हैं 
इसीलिये तुम हो , छाहँ है 
तुम्हारी सारी चाहते हैं 
मान है मनौव्वल है। 

जिनके पास नहीं है 
ज़रा पता करना 
कौन पूछता है उनसे 
इतने प्यार से कि 
भूखा है -कुछ खा ले ...

वो हैं इसीलिये 
अपनी जिद , 
अपने गुस्से , 
अपने अहंकार , 
अपने रौब , 
अपने सारे दर्द -दुःख देने वाले कृत्य 
अपने सही होने के प्रमाण देते हैं। 

वो नहीं होंगे तो 
कौनसा आधार रह जाएगा ?
कौन तुम्हारे गुस्से 
तुम्हारी जिदो और 
तुम्हारी बेतुकी हरकतों को सहन करेगा ?

रात जब अकेले हो तो 
अपने सारे बेवक़ूफीभरे विचारों को परे रख 
उनके न होने के अहसास की कल्पना करना 
क्षणभर ही सही। 

फिर तुम सही हो या न हो 
जो चाहे मान लेना। 

स्मरण रखें 
मां-बाप के रहते ही तुम बच्चे हो 
बड़ो और बूढ़ो को पूछता कौन है। 

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