यूं तो मेरे सपने सुहाने बहुत है
और नाकामियों के बहाने बहुत है
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मुझे अपने रकीब से ईतलाफ़ है
वो अपने मकसद में तो साफ़ है
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बाते बहुत है तन्हाई की गहरी
वल्लाह क्या शीरीं जबान ठहरी
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और नाकामियों के बहाने बहुत है
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मुझे अपने रकीब से ईतलाफ़ है
वो अपने मकसद में तो साफ़ है
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बाते बहुत है तन्हाई की गहरी
वल्लाह क्या शीरीं जबान ठहरी
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2 टिप्पणियां:
खूबसूरत शेर.
अभिनंदन.
नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!!
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