tag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post8987834547037523843..comments2023-11-03T21:13:09.282+05:30Comments on अमिताभ: रंगोलीअमिताभ श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-22127924819312726252010-02-22T18:46:06.517+05:302010-02-22T18:46:06.517+05:30bahut hi gahre bhav liye huye ,umdabahut hi gahre bhav liye huye ,umdaज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-56556277913973221612010-02-21T21:21:13.922+05:302010-02-21T21:21:13.922+05:30बहुत ही सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने शानदा...बहुत ही सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने शानदार रचना लिखा है! आपकी लेखनी को सलाम! इस उम्दा रचना के लिए ढेर सारी बधाइयाँ!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-43807083928625189762010-02-21T19:17:53.212+05:302010-02-21T19:17:53.212+05:30बहुत सुंदर अभिव्यक्तिबहुत सुंदर अभिव्यक्तिAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-81811228051161145392010-02-21T14:54:18.912+05:302010-02-21T14:54:18.912+05:30मर्मस्पर्शी!मर्मस्पर्शी!Dr. Amar Jyotihttps://www.blogger.com/profile/08059014257594544439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-76047167555418599402010-02-20T17:32:12.988+05:302010-02-20T17:32:12.988+05:30रंगोली पर मै भी बहुत दिनो से कुछ लिखना चाह रहा था ...रंगोली पर मै भी बहुत दिनो से कुछ लिखना चाह रहा था .. यह कविता पढ़कर अच्छा लगाशरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-33940230565331026612010-02-20T13:15:59.963+05:302010-02-20T13:15:59.963+05:30बेहतरीन प्रस्तुति
बधाई ................बेहतरीन प्रस्तुति<br /><br />बधाई ................Pushpendra Singh "Pushp"https://www.blogger.com/profile/14685130265985651633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-3832271348443129182010-02-20T12:28:06.707+05:302010-02-20T12:28:06.707+05:30हम इस रचना में इस कदर खो गए हैं कि बाहर ही नहीं नि...हम इस रचना में इस कदर खो गए हैं कि बाहर ही नहीं निकल पा रहे हैं |विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-32788031740956768522010-02-20T01:42:07.332+05:302010-02-20T01:42:07.332+05:30बहुत गहरे भाव लिये बहुत हि सुन्दर अभिव्यक्ति ..आभा...बहुत गहरे भाव लिये बहुत हि सुन्दर अभिव्यक्ति ..आभार!!<br />http://kavyamanjusha.blogspot.com/रानीविशालhttps://www.blogger.com/profile/15749142711338297531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-32596441596486871602010-02-20T00:57:18.634+05:302010-02-20T00:57:18.634+05:30सच है अतीत किस्के बनाए बनता है और किसके बनाए बिगड़...सच है अतीत किस्के बनाए बनता है और किसके बनाए बिगड़ता है ... बस यादें और सिर्फ़ यादें रह जाती हैं ... मन को सालती हुई .. जीवन की भाग दौड़ में इंसान उन यादों को सोचता ही रहता है ... अतीत का हर लम्हा, पर पल किसी रंगोली की तरह बस सजता रहता है दिल में ... <br />किसी को देखना रंगोली के बहाने ... रंगोली में अपने प्रेम की रंग सजाना ... फिर अचानक समय की आपा धापी में कितना कुछ खो देना ... अपने जेवन की रंगोली को जीवन भर सजाने की कोशिश ... कितना कुछ खो जाता है समय की गर्त में ...<br />बहुत ही लाकां की अभिव्यक्ति है अमिताभ जी .. रतार्थ से झूझती रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-55872862699525297882010-02-19T23:08:23.372+05:302010-02-19T23:08:23.372+05:30आह! अमिताभ जी...अमिताभ जी, कौन कमबख्त इस रचना में ...आह! अमिताभ जी...अमिताभ जी, कौन कमबख्त इस रचना में शिल्प तलाशने की गुस्ताखी करेगा।<br /><br />हमसब की जिंदगी की कितनी ही रंगोलियों का पता देती ये कविता...जय हो!गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-17211115629671422572010-02-19T19:44:18.663+05:302010-02-19T19:44:18.663+05:30'प्रेम के रंगों से
हृदय में नित बनाया करता था
...'प्रेम के रंगों से<br />हृदय में नित बनाया करता था<br />उसकी-अपनी सपनों की रंगोली।'<br />-मगर<br />मेरी बनाई रंगोली जब मिटी<br />आज तक नहीं बन पाई है।"<br /><br />-प्रेम के रंग पक्का होते हैं ,उनका रंग कभी फीका नहीं पड़ता ..मिट कर भी अपना निशान छोड़ जाते हैं <br />मन के अनकहे कोमल भावों की सुंदर अभिव्यक्ति.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-30841823288816888822010-02-19T19:02:19.588+05:302010-02-19T19:02:19.588+05:30इक हंसी याद में दिल मेरा खो गया -----।
सुन्दर अहसा...इक हंसी याद में दिल मेरा खो गया -----।<br />सुन्दर अहसास लिए यादें।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-25905626786577130592010-02-19T18:09:23.038+05:302010-02-19T18:09:23.038+05:30sushilji, brash jaroor chalaunga..me bhi dekhataa ...sushilji, brash jaroor chalaunga..me bhi dekhataa hu aakrati me kesa lagta he sapanaa. aour bahut bahut dhnyavaad jo pasand aai meri rachna.aapke saath un sabhi ko jinhone mujhe nazar kiya, navaaja.अमिताभ श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-85046695727458677222010-02-19T16:27:32.903+05:302010-02-19T16:27:32.903+05:30क्या कहें किन शब्दों से अपने भावों को व्यक्त करें।...क्या कहें किन शब्दों से अपने भावों को व्यक्त करें। गजब की सुन्दर रंगोली बनाई है आपने। हर रंग अपना एक अलग ही असर छोड रहा है। सच पूछिए इससे अच्छी रंगोली नही देखी आजतक। हर शब्द भाव को बखूबी कहता है और दिल को छूता है। वैसे बनी हुई चीज को सुधारा नही करते सुधारने से कई बार सिम्पलसिटी खत्म हो जाती है और मुझे तो सिम्पलसिटी ही पसंद है। खैर आपकी ये रचना मेरी फेवरीट में शामिल हो गई है। और मेरी डायरी का हिस्सा बन गई है। और हाँ कभी मौका मिले तो इस रंगोली को ब्रश से बना देना। ये हमारी प्रार्थना है जी।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-55835805972521486432010-02-19T15:27:02.873+05:302010-02-19T15:27:02.873+05:30इस बार तो कविता सीधे दिल में उतर गयी साहबइस बार तो कविता सीधे दिल में उतर गयी साहबअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-15739465903471207302010-02-19T14:38:16.276+05:302010-02-19T14:38:16.276+05:30Wah..bahut badi bat kahdi aapne...niceWah..bahut badi bat kahdi aapne...niceRavi Rajbharhttps://www.blogger.com/profile/16224660000339492496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-8187447611977574642010-02-19T13:55:37.384+05:302010-02-19T13:55:37.384+05:30उफ्फ क्या कहूँ अमिताभ जी.. आपने यह रचना बहुत देर स...उफ्फ क्या कहूँ अमिताभ जी.. आपने यह रचना बहुत देर से पोस्ट की.. इससे हमें पहले ही मिलवाना था...<br />ना जाने क्यों आखों में आंसू ले आई.. आपकी यह रचना.. शायद में यह सोच सकता हूँ की यह आपकी अद्वितीय रचना है...<br />मैं इसे आपकी सर्वोपरी रचना मानूंगा...<br />बहुत सुंदर.. ऐसी रचनाये कोई लिखता नहीं यह खुद हो जाती हैं...<br />बधाई स्वीकारें...मीतhttps://www.blogger.com/profile/04299509220827485813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-11782856313054971922010-02-19T13:36:07.569+05:302010-02-19T13:36:07.569+05:30रंगोली के बहाने
दाग दी अमिताभ ने
अद्भुत रंग की ग...रंगोली के बहाने<br /><br />दाग दी अमिताभ ने<br /><br />अद्भुत रंग की गोली।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-5037772535458338652010-02-19T12:33:02.948+05:302010-02-19T12:33:02.948+05:30अमिताभ जी, आदाब
.........................मैं जानता...अमिताभ जी, आदाब<br />.........................मैं जानता था...वो नही जानती...<br />कि मैं उसे देखने आता था...उसकी रंगोली के बहाने।<br />और...प्रेम के रंगों से...हृदय में नित बनाया करता था<br />उसकी-अपनी सपनों की रंगोली।<br /><br />.....उसकी बनाई रंगोली कोई...मिटा जाता तो<br />फिर बना लेती थी वो......मगर<br />मेरी बनाई रंगोली जब मिटी<br />आज तक नहीं बन पाई है......<br />अतीत की स्मृतियों को स्मरण कराती...बेहद उम्दा रचना.<br />अपना एक शेर याद आ गया<br />अपनी बात कहने का हौसला न कर पाया<br />उम्र भर रुलाएगी मेरी बुज़दिली मुझको...<br />शाहिद मिर्ज़ा शाहिदशाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-70142027160049197712010-02-19T12:03:10.731+05:302010-02-19T12:03:10.731+05:30हां तब जब
उसकी बनाई रंगोली कोई
मिटा जाता तो
फिर बन...हां तब जब<br />उसकी बनाई रंगोली कोई<br />मिटा जाता तो<br />फिर बना लेती थी वो।<br /><br />मगर<br /><br />मगर<br />मेरी बनाई रंगोली जब मिटी<br />आज तक नहीं बन पाई है।" <br />पढ़ के जाने क्यूँ इक ग़ज़ल याद आई..<br />दिल में इक लहर सी उठी है अभी.कोई ताज़ा हवा चली है अभी..डिम्पल मल्होत्राhttps://www.blogger.com/profile/07224725278715403648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-80904017358278731592010-02-19T11:52:22.445+05:302010-02-19T11:52:22.445+05:30जब कोई उसकी कृति की
तारीफ करता
तो मैं भी करता,
रं...जब कोई उसकी कृति की<br />तारीफ करता <br />तो मैं भी करता,<br />रंगोली की नहीं, <br />उसकी जिसने बनाई थी।<br />बहुत सटीक कहा है.लोग भी इन्सान की तारीफ़ करते हैं भगवान की नहीं जिसने उन्हें बनाया <br /> हां तब जब<br />उसकी बनाई रंगोली कोई<br />मिटा जाता तो <br />फिर बना लेती थी वो।<br /><br />मगर<br /><br />मगर<br />मेरी बनाई रंगोली जब मिटी<br />आज तक नहीं बन पाई है।<br /><br />कोई बात नहीं दिमाग में तो उस रंगोली की छप आज भी होगी. खुश होने और किसी को याद करने के लिए तो बस एक अहसास भी काफी हैरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-83977259917857887752010-02-19T09:27:46.068+05:302010-02-19T09:27:46.068+05:30हां तब जब
उसकी बनाई रंगोली कोई
मिटा जाता तो
फिर बन...हां तब जब<br />उसकी बनाई रंगोली कोई<br />मिटा जाता तो<br />फिर बना लेती थी वो।<br /><br />मगर<br /><br />मगर<br />मेरी बनाई रंगोली जब मिटी<br />आज तक नहीं बन पाई है।"<br />बहुत गहरे भाव । शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-31069768837982801422010-02-19T07:49:33.293+05:302010-02-19T07:49:33.293+05:30हां तब जब
उसकी बनाई रंगोली कोई
मिटा जाता तो
फिर ब...हां तब जब<br />उसकी बनाई रंगोली कोई<br />मिटा जाता तो <br />फिर बना लेती थी वो।<br /><br />मगर<br /><br />मगर<br />मेरी बनाई रंगोली जब मिटी<br />आज तक नहीं बन पाई है।"<br /><br />उफ्फफ्फ्फ़ ! क्या कहूं .......अमिताभ मीतhttps://www.blogger.com/profile/06968972033134794094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-61081942627407545622010-02-19T07:44:30.215+05:302010-02-19T07:44:30.215+05:30... बहुत सुन्दर भाव, बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति !!...... बहुत सुन्दर भाव, बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-40315857756780621122010-02-19T07:16:30.590+05:302010-02-19T07:16:30.590+05:30खूबसूरत भावों की पद्यात्मक रंगोली बखूबी सजाया है आ...खूबसूरत भावों की पद्यात्मक रंगोली बखूबी सजाया है आपने।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन<br />09955373288<br />www.manoramsuman.blogspot.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.com