tag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post6811775295040109267..comments2023-11-03T21:13:09.282+05:30Comments on अमिताभ: बुढिया हिन्दीअमिताभ श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-88013253173899761602009-09-17T01:19:25.098+05:302009-09-17T01:19:25.098+05:30अमिताभ जी..लगता है कि खुद उसी बुढ़िया ने यह कविता ल...अमिताभ जी..लगता है कि खुद उसी बुढ़िया ने यह कविता लिखवाई है आपसे..कितना नंगा सच..मगर मैं कहूँगा कि जिस माँ के आप जैसे लायक और जिम्मेदार बेटे होते हैं वोह कभी अभागन नही हो सकती है..और सारी क़ायनात की दौलत उसके आँसू का मोल नही लगा सकती है..<br />आखिरी पंक्तियाँ पढ़ कर भीष्म साहनी साहब की चीफ़ की दावत याद आ गयी..बस शुक्रिया अदा कर सकता हूँ आपका...अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-29932605794812789992009-09-16T17:56:22.392+05:302009-09-16T17:56:22.392+05:30aapki 'prachi se' ki tippani sahej kar rak...aapki 'prachi se' ki tippani sahej kar rakh li hai...<br /><br />...dost main itne pyar aur itne apnepan ke layak nahi hoon.<br /><br />apka pyaar pa ke aapka dost abhibhoot huaa.<br /><br />Sadev Apka.<br />Darpan Sahदर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-64916324502750988932009-09-16T17:23:18.959+05:302009-09-16T17:23:18.959+05:30प्रिय अमिताभजी, वाकई आपने हिंदी का दर्द बड़े ही सा...प्रिय अमिताभजी, वाकई आपने हिंदी का दर्द बड़े ही सारांश पूर्वक मानस पटल पर उतार दिया, मैंने अंतर में झाँक कर देखा और पाया के इसके लिए जवाबदार और दोषी कौन है | हाँ हम हैं हम सभी जो थोड़े थोड़े ब्लॉग बनाकर कुछ भी लिख कर अपने मन की भड़ास निकल लेते हैं, परन्तु क्या वाकई में हम हिंदी की - अपनी राष्ट्र भाषा की सेवा कर रहे हैं - नहीं | हम तो सिर्फ अपना समय यूंही बिता रहे हैं सिर्फ थोडी थोडी भड़ास निकल कर अपना दर्द हल्का कर रहे हैं | क्या कभी सोचा के मैनेजमेंट, साइंस, एन्गिनेर्रिंग , मेडिकल, और सभी विधाओं की पुस्तकें हिंदी में क्यों नहीं हैं | सच तो यह है की हमने लिखी ही नहीं हैं तो होंगी कहाँ से | साहित्य - भाषा और संस्कृति को लगातार बढ़ाना पड़ता है | हर नयी चीज हर टेक्नोलॉजी सभी ज्ञान को जन सामान्य की भाषा में लाना पड़ता है तभी उसका विकास होता है | तभी ज्ञान सभी जन साधारण के लिए उपयोगी होता है | आइये आप हम और सभी ब्लॉगर बंधू यह बीडा उठायें के इक वर्ष में दो किताबें हिंदी में उपलब्ध कराएँगे | सारा तकनिकी ज्ञान ब्लॉग के माध्यम से हिंदी में घर घर तक पहुंचाएंगे तभी भाषा का ज्ञान का विकास होगा | तभी भाषा उपयोगी होगी जन जन के लिए | हिंदी दिवस हमें इक दिन नहीं रोज रोज मनाना है | आपका ही - पंकज श्रीवास्तवपंकज श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/10040422787134114890noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-89968417425352248112009-09-15T17:52:25.094+05:302009-09-15T17:52:25.094+05:30हिंदी के दर्द को हिंदी के सुंदर शब्दों में पिरोकर ...हिंदी के दर्द को हिंदी के सुंदर शब्दों में पिरोकर एक ऐसी रचना रच डाली जो अदंर तक छू गई। और प्रतीक के रुप में जिस शब्द का प्रयोग किया वो भी दिल को छू गया। आपने सही कहा। <br />वो रोई,<br />नहीं..नहीं<br />उसे रुलाया गया।<br /><br />और एक कोने में रख दिया गया। इसके लिए हम सब जिम्मेदार है। और काफी हद तक हिंदी के ठेकेदार भी जिम्मेदार है। अपनी आँखो से देखता रहता हूँ। <br />60 वर्ष की<br />बूढी के आंसू<br />पोछ्ने के नाम पर<br />देखो कितने<br />मज़में लगे हैं,<br />मेले लगे हैं,<br />सज़ी हैं दुकानें<br />और बिक रहे हैं<br />आंसू।<br /><br />सोलह आने सच्ची बात। वैसे अमिताभ जी इतने सच काहे लिखते हो। आजकल सच्चाई से बच कर निकल जाते है लोग। हिंदी से एक वाक्या याद आ गया। एक टेस्ट था सरकारी जिसे आप हिंदी में भी दे सकते थे और अग्रेंजी में भी। मैंने हिंदी चुना तो भरी क्लास में मुझसे पूछा गया कि आपने हिंदी क्यों लिया है। और भरी क्लास में एक हँसी का माहोल पैदा हो गया। तब मैंने जवाब दिया कि आप लोग अभी नही समझेंगे कि मैंने ऐसा क्यों किया। कभी अकेले में मिले तो बता दूँगा। फिर उसके बाद मैंने जवाब दिया कि गाँव देहात में अभी भी काफी बच्चें पूरी तरह से अगेंजी नही समझते है। अगर मेरे जैसे दो चार लोग भी अगर हिंदी के जगह अग्रेजी का आप्शन प्रयोग करने लगे तो एक दिन सरकार हिंदी का आप्शन ही हटा देंगी। और फिर उन बच्चों का क्या होगा और हिंदी का भी क्या होगा। अग्रेंजी के नीचे दब जाऐगी। खैर इस बात दोस्तों ने और सवाल करने वालों ने कहा सच में तू पागल है। खैर इस मौके पर ये याद आ गया और मैं ये सब कह गया। सच तो यही है आपने बहुत ही बेहतरीन रुप से अपने हिंदी प्रेमी के दर्द को बखूबी व्यक्त किया है। आपका दर्द हमारा दर्द भी है।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-68454065496152898552009-09-15T02:17:51.854+05:302009-09-15T02:17:51.854+05:3060 वर्ष की
बूढी के आंसू
पोछ्ने के नाम पर
देखो कितन...60 वर्ष की<br />बूढी के आंसू<br />पोछ्ने के नाम पर<br />देखो कितने<br />मज़में लगे हैं,<br />मेले लगे हैं,<br />सज़ी हैं दुकानें<br />और बिक रहे हैं<br />आंसू।<br /><br />-हिंदी भाषा की वर्तमान स्थिति पर आप की चिंता सही है.<br />-भविष्य में क्या होगा ..समझ नहीं आता. शायद.हिंगलिश रह जायेगी बस!<br />-सामयिक और सटीक रचनाAlpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-54542344027236530842009-09-14T21:47:38.371+05:302009-09-14T21:47:38.371+05:30हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ। कविता बहुत सुन्दर है।हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ। कविता बहुत सुन्दर है।Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-17149673457491320732009-09-14T11:47:16.112+05:302009-09-14T11:47:16.112+05:30सच कहा आज हिंदी की जो durdasha ही रही है उस पर शर्...सच कहा आज हिंदी की जो durdasha ही रही है उस पर शर्म से jhuk जाता है अपना sar भी ....... <br />bahoot maarmik chitr kheencha है आपने ......... aazaadi के बाद bahoot कुछ kiy हमारे netaaon ने ......... देश के karndhaaron ने पर वो कितना saarthak है ये तो अब नज़र आने लगा है ............. इसमें शायद hamaara भी कुछ न कुछ yogdaan jaroor है .......... पर ये भी सच है की अगर हम dred ichha shakti से सोच len तो अभी ही bahoot कुछ हो सकता है .......... आपकी lajawaab rachna bahoot sateek और saamyik है .........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-21933646240314182962009-09-14T11:26:54.997+05:302009-09-14T11:26:54.997+05:30'vrifhashrmon' = vridh aashramon
galti se ...'vrifhashrmon' = vridh aashramon<br />galti se 'galat' post ho gaya tha...<br />:)<br /><br />aur haan meri bhatiji ka photo bhi behtarin tha.<br />aapki sari post ek taraf aur uski snap ek taraf.Ab chahe aap is tippani se bura maaine ya bhala, lekin uski ek photo ne aapki meri sab posts ko maat de di....<br />...to fir kahoonga ki bacche kab 'bacche ' hote hain?दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-69058103456960446572009-09-14T11:23:34.279+05:302009-09-14T11:23:34.279+05:30hamesha ki tarah badhiya post dost...
60 वर्ष की
ब...hamesha ki tarah badhiya post dost...<br />60 वर्ष की<br />बूढी के आंसू<br />पोछ्ने के नाम पर<br />देखो कितने<br />मज़में लगे हैं,<br />मेले लगे हैं,<br />सज़ी हैं दुकानें<br />और बिक रहे हैं<br />आंसू।<br /><br />lagta hai ki hindi 'hindi diaws', 'hindi saptah' naamak 'vrifhashrmon' main hi apna dum tod deinge.दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-54851378170054226712009-09-14T10:58:57.246+05:302009-09-14T10:58:57.246+05:30बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .. पर हमारी हिन्दी बूढी नह...बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .. पर हमारी हिन्दी बूढी नहीं हो सकती .. यह कमजोर हो गयी है .. इसे पुन: मजबूत बनाया जा सकता है .. ब्लाग जगत में आज हिन्दी के प्रति सबो की जागरूकता को देखकर अच्छा लग रहा है .. हिन्दी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-7545018454470991402009-09-14T10:48:05.236+05:302009-09-14T10:48:05.236+05:30बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने! हिन्दी दिवस की हार...बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने! हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें!<br />http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.comUrmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-91058459779238402682009-09-14T10:11:34.009+05:302009-09-14T10:11:34.009+05:30hindi divas ki shubhkaamnaaayein bhaiyya.. dil too...hindi divas ki shubhkaamnaaayein bhaiyya.. dil toot gaya ye kavita padh ke..<br /><br />KajalNainahttps://www.blogger.com/profile/01044012895543016574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-45407849061063183622009-09-14T04:26:52.998+05:302009-09-14T04:26:52.998+05:30दिवस विशेष पर बेहतरीन रचना.
हिन्दी दिवस की शुभकाम...दिवस विशेष पर बेहतरीन रचना.<br /><br />हिन्दी दिवस की शुभकामनाऐं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-62403049072129565102009-09-14T02:05:34.539+05:302009-09-14T02:05:34.539+05:30वह अमिताभजी
हिन्दी दिवस पर इससे सुंदर और क्या अभिव...वह अमिताभजी<br />हिन्दी दिवस पर इससे सुंदर और क्या अभिव्यक्ति होगी |<br />बुढिया के पास इतना कुछ है पर उसके अनुभव मेले में सज गये<br />वो चीखकर कहती रही ,कहती है -<br /> में दुकानों में हूँ<br />मेलो में हूँ<br />सडको पर हूँ<br />स्टेशनों पर हूँ<br />वाचनालयों में हूँ<br />पर पुकार सुनने को<br />तरसती रही |<br />बहुत सटीक रचना |<br />बधाईशोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.com