tag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post6332096035992039173..comments2023-11-03T21:13:09.282+05:30Comments on अमिताभ: कुपोषणअमिताभ श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-66771836189292381232009-12-29T21:45:19.404+05:302009-12-29T21:45:19.404+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-45805005074953510142009-12-29T21:41:17.986+05:302009-12-29T21:41:17.986+05:30अपूर्व भाई के प्रश्न का कुछ दार्शनिक (not very ...अपूर्व भाई के प्रश्न का कुछ दार्शनिक (not very दार्शनिक though ) सा उत्तर ढूँढने कि कोशिश कि है बड़े ही materialistic उद्धरण से, मिथुन की 'Out of the world types' मूवी किसी छोटे से गाँव कसबे या छोटे छोटे हॉल में ज़्यादा चलती हैं और 'रेअल्स्टिक' movies को 'multiplex movies' कहा जाता है. क्यूंकि शायद हमें सच से भागने में मज़ा आता है, बाहर अगर तापमान ४० डिग्री है तो a .c. 20 डिग्री मैं सेट होता है और अगर ठण्ड है (२२ डिग्री ) की तो blower चलता है.<br /><br />किसीकी नज़्म याद आ रही है, 'Bottoms Up' वाली . Though इससे उतनी relate नहीं होती...<br />-- <br />Best Regards.<br />Darpan Sah 'Darshan'दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-85656082040170598952009-12-29T21:30:52.119+05:302009-12-29T21:30:52.119+05:30इनकी तस्वीरें निकाल
दुनियाभर में प्रसारित कर
पा सक...<b>इनकी तस्वीरें निकाल<br />दुनियाभर में प्रसारित कर<br />पा सकता है <br />कोई फोटोग्राफर पुरस्कार। <br /><br />इनकी दुर्दशा का <br />ब्योरा लिख<br />मर्म को हिला कर <br />बेस्ट रिपोर्टिंग का हक़दार<br />बन सकता है पत्रकार।<br /></b><br /><br />अभी अभी एक क्षणिका लिखी थी.....<br /><b>Breaking News.</b><br />विश्वस्त सूत्रों से पता चला है,<br />की कौवा ,<br />आपका कान लेके,<br />उड़ गया.<br />पकड़ो उसे.<br /><br />तो अमिताभ सर ये हाल है मीडिया का तो. इसने कुछ ज़यादा ही expectiation है हमें.<br /><br /><br />पूरी पोएम के लिए दुबारा आता हूँ.दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-42506649899241092562009-12-27T00:51:33.031+05:302009-12-27T00:51:33.031+05:30ऐसी बहुत सी विसंगतियां है..जो हमारे आसपास अपने सबस...ऐसी बहुत सी विसंगतियां है..जो हमारे आसपास अपने सबसे भयावह रूप मे घटित होती रहती हैं..अब हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा सा हो जाती हैम..अब हमें व्यथित नही करती..सो लाइमलाइट से भी बाहर रहती हैं..अपनी लो टी आर पी वैल्यू के कारण...<br />..सोचता हूँ कि राखी के भावी वर/शिकार मे हमारी उत्सुकता या बिगबॉस के मेहमानों की साजिशें जान लेने की व्यग्रता हमारे एस्केपिज्म का प्रतीक हैं या मरती हुई संवेदनशीलता का मर्सिया !!!अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-70432488103868996492009-12-25T04:39:06.343+05:302009-12-25T04:39:06.343+05:30... सुन्दर व प्रसंशनीय रचना !!!... सुन्दर व प्रसंशनीय रचना !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-53254669052768105972009-12-24T21:49:26.539+05:302009-12-24T21:49:26.539+05:30अमिताभ जी क्या बात है आजकल एक से एक बढिया रचना लिख...अमिताभ जी क्या बात है आजकल एक से एक बढिया रचना लिख रहे है आप। बेहद मार्मिक और सवेदनशील रचना लिखी है आपने। शब्दों के मामले में वाकई आप बहुत ज्ञानी है। <br />रीढ से चिपके<br />पिचके पेट लिये<br /><br />गजब की शब्दों की लय। कुपोषण पर आपने बहुत ही बेहतरीन लिखा। आज की दुनिया में इन विषयों पर लिखने की किसको पड़ी है। पर आपने लिखा। इससे पता चलता है आप कितने जमीन से जुडे इंसान है। आपकी ये रचना भी हमें पसंद आई। बेहद सटीक सच लिखा है आपने। और हाँ अभी एक बात दिमाग में आई आपकी ये लाईन पढकर।<br />ये जन्मे ही शायद इसीलिये हैं।<br />क्योंकि <br />इन्हीं की बदौलत<br />लच्छेदार भाषणों में<br />उलझा कर<br />जिन्दा रह सकते हैं नेता,<br /><br />बात ये है कि " ऐसे नेता क्यों चुनकर आ जाते?"सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-76497736700123350682009-12-24T17:03:56.889+05:302009-12-24T17:03:56.889+05:30bilkul sahi kataksh .bilkul sahi kataksh .vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-88220698222499169692009-12-24T16:10:20.047+05:302009-12-24T16:10:20.047+05:30खबर है
कसाब पर करोडों खर्च
अफज़ल को शाही बिरयानी.....खबर है<br />कसाब पर करोडों खर्च<br />अफज़ल को शाही बिरयानी......<br /><br />बहुत गहरी बात ......... और सत्य ....... इन बातों को कोई नही सोचता, कोई नही देखता ये नेता लोग क्या . हैं ........ किसकी पीठ पर रोटियाँ सिक्ति हैं .......... किसके लिए करोड़ों की बिर्यानी बनाते हैं ............ दुर्भाग्य है इस देश का ......... पतन है इतनी पुरानी सभ्यता का अपने ही हाथों द्वारा ...........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-71828037601589052082009-12-24T12:20:18.787+05:302009-12-24T12:20:18.787+05:30achhi abhivyakti.achhi abhivyakti.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-51907317397855061192009-12-24T12:10:53.807+05:302009-12-24T12:10:53.807+05:30ये जन्मे ही शायद इसीलिये हैं।
क्योंकि
इन्हीं की बद...ये जन्मे ही शायद इसीलिये हैं।<br />क्योंकि<br />इन्हीं की बदौलत<br />लच्छेदार भाषणों में<br />उलझा कर<br />जिन्दा रह सकते हैं नेता<br />bilkul sach hai agar ye nahi hote to loktantra ki neev hi nahi hoti .<br />khud kuposhit hokar bhi aoro ko poshit kar jate hai ye log .<br />achha kataksh.शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-30453017586314021862009-12-24T12:10:48.962+05:302009-12-24T12:10:48.962+05:30खबर है
कसाब पर करोडों खर्च
अफज़ल को शाही बिरयानी......खबर है<br />कसाब पर करोडों खर्च<br />अफज़ल को शाही बिरयानी.......। <br /><br />कड़वी सच्चाई , एक और खबर संसद में १२ रू. में खाना मिलेगाअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-47610502781124467482009-12-24T11:40:26.170+05:302009-12-24T11:40:26.170+05:30कभी न पूरी हो पाने वाली
कमबख्त आस
क्या कहीं इस कडव...कभी न पूरी हो पाने वाली<br />कमबख्त आस<br />क्या कहीं इस कडवे सच के बारे में...<br />बहुत खूब लिखा है....<br />साडी सच्चाई को शब्दों में पिरो दिया...<br />मीतमीतhttps://www.blogger.com/profile/04299509220827485813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-84443542118012351252009-12-24T09:29:53.806+05:302009-12-24T09:29:53.806+05:30'कुपोषण का भी
शोषण जारी है।'
सशक्त अभिव्यक...'कुपोषण का भी<br />शोषण जारी है।'<br />सशक्त अभिव्यक्ति.<br /><br />सही कटाक्ष किया है व्यवस्था पर.<br />ना जाने कब चेतेंगे समाज के ठेकेदार!Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-80050373258345192922009-12-24T06:18:31.780+05:302009-12-24T06:18:31.780+05:30दुसरी ओर
हमारी सरकार...
फिक़्रमन्द है।
रूह तक पैबश...दुसरी ओर <br />हमारी सरकार...<br />फिक़्रमन्द है।<br />रूह तक पैबश्त होती रचना.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-9473194441775988822009-12-24T04:46:57.219+05:302009-12-24T04:46:57.219+05:30सटीक कटाक्ष...मार्मिक!!
मगर धन्य है
इस कुपोषण का...सटीक कटाक्ष...मार्मिक!!<br /><br /><br />मगर धन्य है<br />इस कुपोषण का भी<br />शोषण जारी है।Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com