tag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post2774162075906676362..comments2023-11-03T21:13:09.282+05:30Comments on अमिताभ: दिल भारी है सूखे लबअमिताभ श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-13303979186878081972011-01-21T22:43:01.000+05:302011-01-21T22:43:01.000+05:30I love amitabhshrivastava.blogspot.com! Here I alw...I love amitabhshrivastava.blogspot.com! Here I always find a lot of helpful information for myself. Thanks you for your work. <br />Webmaster of http://loveepicentre.com and http://movieszone.eu <br />Best regardsAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-51191649041779234192011-01-20T20:36:15.329+05:302011-01-20T20:36:15.329+05:30अच्छी गज़लें हैं अमिताभ ।अच्छी गज़लें हैं अमिताभ ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-39965105917888216092011-01-15T01:29:12.011+05:302011-01-15T01:29:12.011+05:30बहुत सही लिखा है आप ने कि ...जब मन-मस्तिष्क, सबकुछ...बहुत सही लिखा है आप ने कि ...जब मन-मस्तिष्क, सबकुछ जीविकोपार्जन की मशक्कत में सिर तक डूबा रहता है तो अन्यत्र कुछ भी दिखाई नहीं देता और यह एक ऐसी स्थिति होती है जब किसीको समझ पाना भी कठिन होता है.<br />--मुझे भी अक्सर यही लगता है कि 'ब्लॉग्गिंग २०-३० साल बाद ही करनी चाहिए..प्रोपर ब्लॉग्गिंग हो नहीं पाती..शायद अभी समय नहीं आया...:))<br /><br />..................<br /><br /><br />'चुप्पी लब पर, रक्तिम चेहरा<br />ज़ाहिर है लडने वाले हैं।'<br /><br />-यह शेर तो बहुत खूब कहा है!<br /><br />कौन यहां रहने वाले हैं<br />इक दिन सब चलने वाले हैं।<br /><br />-सटीक कहा!<br /><br />भाई साहब की दोनों ग़ज़लें बहुत ही अच्छी हैं.<br />.............<br />आभार.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-63662609470844235222011-01-13T17:15:38.652+05:302011-01-13T17:15:38.652+05:30मेरे मन की बात भी कह दी आपने कि हम अपने लिये वक़्त...मेरे मन की बात भी कह दी आपने कि हम अपने लिये वक़्त क्यों नहीं निकाल पाते? परिस्थितियों का तडका लग जाया करता है। और हम तडके के स्वाद में पेट खराब करते रहते हैं यानी अपने लिये वक़्त नहीं निकाल पाते और उलझकर रह जाते हैं ताउम्र।<br /><br />देख के दुनिया पागल है<br />तुम में है कुछ बात गज़ब।<br />खूब सहेजा और समेटा<br />टूटे बिखरे ख्वाब हैं अब।<br /> और <br />तुलसी,मीर,कबीर,सूर को<br />कौन आज पढने वाले हैं।<br />उनने हंसकर मुझको देखा<br />लोग 'अश्क़' जलने वाले हैं।<br /><br />..बहुत बढ़िया पंक्तियाँ... <br />नव वर्ष और मकर सक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएंकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-79204938658821808062011-01-10T17:00:25.176+05:302011-01-10T17:00:25.176+05:30mujhe ghazals hamesha hi bhati hai...aapne bhi kam...mujhe ghazals hamesha hi bhati hai...aapne bhi kamaal kiya hai :)Parul kananihttps://www.blogger.com/profile/11695549705449812626noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-89709382457001172172011-01-09T14:56:34.065+05:302011-01-09T14:56:34.065+05:30सच है अमिताभ जी ... जीवन में कई पल ऐसे आते हैं जब ...सच है अमिताभ जी ... जीवन में कई पल ऐसे आते हैं जब उबड़ खाबड़ रास्तों पर इंसान थक जाता है ... पर फिर स्वत ही ऊर्जा का निर्माण करना पढता है ... उठाना पढता है ...<br />दोनों ही ग़ज़लें लजवाब हैं ... खिलते हुवे शेर हैं सब ...<br />आपको और समस्त परिवार को नव वर्ष मंगल मय हो ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-60493047358338906122011-01-06T17:46:53.328+05:302011-01-06T17:46:53.328+05:30जीवन की इस उधेड बुन में कुछ अपने लिए भी समय निकल ...जीवन की इस उधेड बुन में कुछ अपने लिए भी समय निकल जाए तो वह दवा का काम करता है।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-65152188507790053052011-01-06T17:45:42.158+05:302011-01-06T17:45:42.158+05:30जीवन की इस उधेड बुन में कुछ अपने लिए भी निकल जाए त...जीवन की इस उधेड बुन में कुछ अपने लिए भी निकल जाए तो वह दवा का काम करता है। और पागलो को यह खुराक मिलती रहनी चाहिए ईश्वर की कृपा से। नही हम पागल आदमी हो जाऐगे:) <br />खैर भाई साहब की दोनों गजल पंसद आई क्योंकि दोनों में जीवन के रंग घुलेहुए है।और जिस रचना में जीव्न के रंग़ घुले होते है वो रचना वाकिए पंसद आती है। कुछ शेर वाकई अपने लिखे से लगे। <br /><br />देख के दुनिया पागल है<br />तुम में है कुछ बात गज़ब।<br /><br />(पागलो को पागल वाली बाते पंसदआतीहै) <br /><br />कौन यहां रहने वाले हैं<br />इक दिन सब चलने वाले हैं।<br />तेज़ बहुत है दिल की धडकन<br />फिर वो कुछ कहने वाले हैं।<br /><br />तुलसी,मीर,कबीर,सूर को<br />कौन आज पढने वाले हैं।<br /><br />वाह वाह वाह । भाई साहब को बोले कि फिर से लिखने लगे।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-6809188629076809592011-01-06T15:19:59.564+05:302011-01-06T15:19:59.564+05:30चलो ब्लॉग की चुप्पी तो टूटी |भाई साहब की दोनों गजल...चलो ब्लॉग की चुप्पी तो टूटी |भाई साहब की दोनों गजल बहुत खुबसूरत है<br /><br />कौन यहां रहने वाले हैं<br />इक दिन सब चलने वाले हैं।<br /><br />बिलकुल सच्ची बात कह दी है सरलता से |<br />इसीलिए तो थोडा अपने लिए भी समय निकाल ही ले |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-17791984776648417102011-01-06T07:51:52.882+05:302011-01-06T07:51:52.882+05:30अमिताभ जी एक दम सही कहा है आपने जीवन एक संघर्ष का ...अमिताभ जी एक दम सही कहा है आपने जीवन एक संघर्ष का ही नाम है. हर स्तर पर. खैर जीने के लिए ये भी जरूरी है. <br />दोनों गज़लें बहुत ही सुंदर है <br /><br />तेज़ बहुत है दिल की धडकन<br />फिर वो कुछ कहने वाले हैं।<br /><br />चुप्पी लब पर, रक्तिम चेहरा<br />ज़ाहिर है लडने वाले हैं।<br /><br />बहुत बढ़िया. धन्यबाद.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.com