tag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post8976432328767546344..comments2023-11-03T21:13:09.282+05:30Comments on अमिताभ: फिर भी ..........अमिताभ श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-31653202124544977532011-02-24T22:17:10.914+05:302011-02-24T22:17:10.914+05:30इस रचना के पोस्ट होने के ठीक एक महीने बाद आज इसे प...इस रचना के पोस्ट होने के ठीक एक महीने बाद आज इसे पढ़ रहे हैं...<br /><br />इस सबके जिम्मेवार, सत्तासीन लोगों को लानतें भेजने से पहले कई बार खुद को उनकी जगह पे रख के देखा भी है....नतीजा ये कि इसके बाद अब और ज़्यादा खुलकर लानतें भेजने लगे हैं...manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-69537403950303656712011-01-31T23:24:26.323+05:302011-01-31T23:24:26.323+05:30उठाकर दिखाओ झंडा
बाजुओं में ताकत शेष है क्या?
फहरा...उठाकर दिखाओ झंडा<br />बाजुओं में ताकत शेष है क्या?<br />फहरा कर दिखाओ <br />लाल चौक पर तिरंगा,<br />काट डाले जायेंगे हाथ,<br />खून की नदियां बह निकलेंगी।<br /><br />waah waah.....<br />lalkaar abhi sesh hai...<br /><br />JayantAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-78914060554345740222011-01-31T23:03:58.551+05:302011-01-31T23:03:58.551+05:30भावनाओं की तल्खी पूरी कविता मे स्पष्ट है..और कवि क...भावनाओं की तल्खी पूरी कविता मे स्पष्ट है..और कवि का दर्द भी उबल पड़ता दिखता है..मगर सही वक्त पर कही गयी कविता काफ़ी कुछ सोचने और मंथन करने पर उद्वेलित करती है..कैसे आ गयी अपने ही मुल्क मे यह हालत..आसार अभी भी अच्छे नजर नही आते..मगर इन मुश्किल सवालों के जवाब तलाशे जाने बेहद जरूरी हैं..वरना झंडा फहराने की प्रक्रिया भी लाल-किले के भाषण सी औपचारिकता बन कर रह जायेगी..अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-71345757787502688222011-01-27T17:36:54.551+05:302011-01-27T17:36:54.551+05:30यह आक्रोश पूरे आवाम का आक्रोश है
उत्कृष्ट रचना
...यह आक्रोश पूरे आवाम का आक्रोश है <br /><br />उत्कृष्ट रचना <br />आभारCreative Manchhttps://www.blogger.com/profile/06744589000725201971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-15021706092604736262011-01-26T23:05:49.279+05:302011-01-26T23:05:49.279+05:30भावनाओं में पगी कविता. कब सब कुछ बदलेगा इसका ही इं...भावनाओं में पगी कविता. कब सब कुछ बदलेगा इसका ही इंतजार है.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-8682060737139247362011-01-25T21:54:54.961+05:302011-01-25T21:54:54.961+05:30Gantantr Diwas kee anek shubhkamnayen!Gantantr Diwas kee anek shubhkamnayen!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-90732052653091987582011-01-25T15:57:04.820+05:302011-01-25T15:57:04.820+05:30अमिताभजी,
मनु की नामर्द संताने तो तैयार है, लाल ...अमिताभजी, <br /><br />मनु की नामर्द संताने तो तैयार है, लाल चौक के लाल होने का लाईव टेलिकास्ट देखने के लिये. <br />तैयार है, मौकापरस्त नपुंसक तथाकथित देशभक्त नेताओं के बेतुके तर्क सुनने के लिये । <br />कैसी विडंबना है कि हमें अपने ही देश की सरजमी पर, हमारे आन, बान और शान के प्रतिक झंडे को फहराने पर पाबंदी लगाई जा रही है ।<br />शर्म आती है ..... धिक्कार है <br />.....कैसे कहें गर्व से, के हम हिन्दुस्तानी है ।<br /><br />सरजी सटीक लिखा है बधाई, हॉ, आप पर गर्व है।Girish Yadavhttps://www.blogger.com/profile/17924592459421587133noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-45430776334039191512011-01-25T11:16:57.458+05:302011-01-25T11:16:57.458+05:30सही कहा अमिताभ जी हम सब भूल गए है झड़े के मान सम्मा...सही कहा अमिताभ जी हम सब भूल गए है झड़े के मान सम्मान को। और दिनोंदिन नंग़ा नाच ही कर रहे है। आज के समय मान सम्मान में स्वार्थ जुड़्ने लगे है और कहते है जिस मान सम्मान में स्वार्थ आ जाता है तो वह सही मायने में मान सम्मान नही रहता। और ताज्जुब ये देखिए कि ग्लानि भी नही होती है। कई दिनों के बाद यह दहकती,आक्रोश से भरी रचना पढने को मिली।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-44988215366953963702011-01-25T05:17:38.015+05:302011-01-25T05:17:38.015+05:30आदरणीय अमिताभ जी
सस्नेहाभिवादन !
रचना में...<b><i>आदरणीय अमिताभ जी</i></b> <br />सस्नेहाभिवादन ! <br /><b> </b> <br />रचना में उभर कर आया आपका आक्रोश मेरी तरह आम भारतीय की भावनाओं की ही अभिव्यक्ति है ।<br />सच है , <br /><b>कोई नहीं जानता<br />झंडा क्यों और कहां फहराया जाता है? </b><br /><br />इन स्थितियों के लिए पूरा देश शर्मिंदा है ।<br /><br /> ख़ास आपके लिए मेरी एक पुरानी ग़ज़ल के तीन शे'र पेशे-ख़िदमत है -<br /> <br /><b>चमन के सरपरस्तों से न गर नादानियां होतीं<br />न हरसू ख़ार की नस्लें गुलिस्तां में अयां होतीं<br /><br />कभी पंजाब मीज़ोरम असम में आग ना लगती<br />न ही कश्मीर में ख़ूंकर्द केशर - क्यारियां होतीं<br /><br />न हिजड़ों को बिठाते हम अगर दिल्ली की गद्दी पर <br />न चारों ओर बहते ख़ून की ये नालियां होतीं<br /> </b> <br /><br />बहुत निराशापूर्ण स्थिति है… और पूरा देश मौन है … !<br /><br /><b>~*~हार्दिक शुभकामनाएं और मंगलकामनाएं !~*~</b> <br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-1089348914956180542011-01-24T22:56:10.220+05:302011-01-24T22:56:10.220+05:30के को क्या पढ़े |के को क्या पढ़े |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-22159206600888867772011-01-24T22:54:41.988+05:302011-01-24T22:54:41.988+05:30झंडा फहराना भी सवालों के घेरे में ,तिरंगे के लहरान...झंडा फहराना भी सवालों के घेरे में ,तिरंगे के लहराने के साथ ही देश प्रेम देश भक्ति का जो जज्बा होता है उसके लिए शब्द भी छोटे पड़ते है |हम के देकर जा रहे नै पीढ़ी को ?शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-5452124241522629542011-01-24T20:57:16.917+05:302011-01-24T20:57:16.917+05:30amitabh ji...bilkul sahi keha...ab to bas khanapur...amitabh ji...bilkul sahi keha...ab to bas khanapurti hi reh gayi hai ..bhawnayen to kahin dab gayi hain!<br />phir bhi...hum karne ke liye kar rahe hai..Parul kananihttps://www.blogger.com/profile/11695549705449812626noreply@blogger.com