tag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post2396334141350160309..comments2023-11-03T21:13:09.282+05:30Comments on अमिताभ: आंखों में कल का सपना हैअमिताभ श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-74106838222758302002010-03-11T08:14:33.404+05:302010-03-11T08:14:33.404+05:30चूक हो जाये न शिष्टाचार में, दुम दबा कर जाइये दरबा...चूक हो जाये न शिष्टाचार में, दुम दबा कर जाइये दरबार में।<br /><br />बड़ी आँख फाड़ फाड़ कर पढ़ा ये शे'र...मजा ही आ गया...<br /><br /><br />और..<br />"कह गया था, मगर नहीं आया<br />वो कभी लौट कर नहीं आया।" <br /><br /><br />इसे पढ़ कर अपना लिखा एक याद आ गया...<br /><br /><br /><br /><br />कह गया वो, के तू यहीं रुकना..<br />आउंगा मैं यहीं पे, जो आया....<br /><br /><br />फिर आते हैं साहब...manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-69916050468707216632010-02-27T17:44:17.304+05:302010-02-27T17:44:17.304+05:30'होली की रंगबिरंगी शुभकामनाएँ.''होली की रंगबिरंगी शुभकामनाएँ.'Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-58470295469951483322010-02-27T17:43:31.703+05:302010-02-27T17:43:31.703+05:30डा.अमर ज्योति 'नदीम' जी के
गज़ल संग्रह की ब...डा.अमर ज्योति 'नदीम' जी के<br />गज़ल संग्रह की बहुत ही सुंदर समीक्षा की है.यह तो प्रकाशकों में बहुत समय से ही है कि बेहतरीन कृतियों को नज़र अंदाज़ कर देते हैं और आज तो व्यवसायिकता पहले से अधिक है.<br /> तकिनिक और अंतरजाल ने यह सुविधा अब दी है कि अधिक से अधिक पाठकों तक लेखक खुद को पहुँचा सकता है.<br />आप के द्वारा इस ग़ज़ल संग्रह की जानकारी मिली और समीक्षा भी ..कभी मौका मिलेगा तो ज़रूर पढ़ना चाहेंगे. बहुत बहुत आभार.<br />शुभकामनाएँ.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-35102012835099539502010-02-26T10:17:43.029+05:302010-02-26T10:17:43.029+05:30Bahut sunder prastuti aur shere karne ke liye hard...Bahut sunder prastuti aur shere karne ke liye hardik dhnyabad..<br />sir maine aapko orkut par frnd.request bheji hai..pls accept karlijiyega. thamxRavi Rajbharhttps://www.blogger.com/profile/16224660000339492496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-33391330400645984062010-02-24T22:42:57.671+05:302010-02-24T22:42:57.671+05:30amitabh ji bahut bahut shukriya...ye sab share kiy...amitabh ji bahut bahut shukriya...ye sab share kiya..aur hame bhi padhne ka mauka mila. aabhaar.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-16498690791017312332010-02-24T22:25:23.699+05:302010-02-24T22:25:23.699+05:30जब किसी बेहतरीन कृति को इतनी विशद और बहुआयामी समीक...जब किसी बेहतरीन कृति को इतनी विशद और बहुआयामी समीक्षा का परस मिल जाय तो सहज ही वह विशिष्ट हो जाती है..इसमे जितना श्रेय रचनाअकार का है तो समीक्षक का योग्दान भी कम नही है..जो पाठको को गजल के इस सरोकारपूर्ण माधुर्य से परिचित कराता है..<br />एकदम सटीक जगह पर मार करती हैं गजलें..जैसे कि यह<br />कितने लव-कुश धो रहे हैं आज भी प्लेट-ओ- गिलास<br />दूध थोडा, कुछ खिलौने उनको मिल पायेंगे क्या?<br /><br />वैसे काव्य का कर्मवाद और बात करने की निर्भीकता मुझे अपने सबसे पसंदीदा कवि दिनकर की याद दिलाती है..<br />ऐसी और कृतियों के परिचय की अपेक्षा रहेगी आपसे..अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-11725571366502949432010-02-24T16:59:04.116+05:302010-02-24T16:59:04.116+05:30आपकी सुन्दर और बेहतरीन समीक्षा पढकर इस किताब को पढ...आपकी सुन्दर और बेहतरीन समीक्षा पढकर इस किताब को पढने की हमारी भी इच्छा हो रही है। वैसे मैं गजलों को सुनना पसंद करता हूँ पढना नही पर डा. साहब कुछ शेर पढकर तो गजल पढने का मन भी होने लगा है।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-9200035969732135782010-02-24T14:36:30.294+05:302010-02-24T14:36:30.294+05:30डाक्टर साहब का परिचय और उनकी पुस्तक का विवरण देने ...डाक्टर साहब का परिचय और उनकी पुस्तक का विवरण देने के लिए आभार. सच एक बहुत अच्छी पोस्ट क्योंकि एक अच्छे इन्सान को जानने का अवसर मिला आपके माध्यम से.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-36091513556159208782010-02-24T13:46:05.658+05:302010-02-24T13:46:05.658+05:30डाक्टर अमर जी का परिचय और उनसे मिलवाने का शुक्रिया...डाक्टर अमर जी का परिचय और उनसे मिलवाने का शुक्रिया अमिताभ जी .... आपने कुछ शेर और छन्द यहा दिए हैं उनसे लग रहा है की यथार्थ के केनवर पर लिखी हैं सब रचनाएँ .... समाज का चिंतन गहरे से नज़र आ रहा है इन रचनाओं में ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-77916317821794430432010-02-24T07:49:35.222+05:302010-02-24T07:49:35.222+05:30...आभार !!!...आभार !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-49952923817577583872010-02-24T06:36:08.944+05:302010-02-24T06:36:08.944+05:30डॉ अमर ज्योति जी का तो क्या कहना..उन्होंने तो अपनी...डॉ अमर ज्योति जी का तो क्या कहना..उन्होंने तो अपनी पुस्तक हम तक कनाडा पहुँचा कर हमें मुरीद बना लिया. बहुत सहृदय व्यक्ति हैं और उतनी ही उन्नत लेखनी.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5485264961645180772.post-19888006074251034652010-02-24T01:50:32.809+05:302010-02-24T01:50:32.809+05:30अमिताभ जी, आदाब
डा. अमर ज्योति के खूबसूरत ख्यालात ...अमिताभ जी, आदाब<br />डा. अमर ज्योति के खूबसूरत ख्यालात से सजे इस संग्रह से रूबरू कराने के लिये शुक्रिया.<br />देखते हैं कब तक हमारे हाथ लगता है ये<br />आंखों में कल का सपना...शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.com